इक्कीसवीं सदी की जनसंवेदना एवं हिन्दी साहित्य की पत्रिका
अनिल पु. कवीन्द्र: मारकंडेय पुराण, विष्णु धर्मोत्तर पुराण और मतस्य पुराण के अनुसार सृष्टि की रचना में पुरुष और प्रकृति का संयोग था. यदि हम आदम और हव्वा से लेकर मर्द और औरत तक की सामाजिक संरचना को देखें तो ये दोनों एक दूसरे के पूरक हैं किंतु सवाल ये है कि अर्धनारीश्वर की कल्पना के बावज़ूद स्त्री और पुरुष के बीच द्वंद्व लगातार रहा. इतिहास में कभी मातृत्व सत्ता आई तो कभी पितृसत्ता. 21 सवीं सदी के इस दौर ......
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