अध्यापक वही है –
जो अपने समय को पढ़ सके।
जो अराजकता से लड़ सके।
जो बच्चों को दुनिया का ज्ञान दे।
जो बेहतर दुनिया बनाने का खंजर पैदा करे।
अध्यापक जानता है ; विरासत जो हमको मिली है
इसे जीना कुशल होने की घड़ी है।
एक युद्ध जिसे अब कतई टाला नहीं जा सकता
और इस युद्ध में जनविरोधी ताकतें हैं
अध्यापक महानता, धर्म, सत्य, ईश्वर, मर्यादा छोड़कर
मनुष्यता का साथ दे।
जो बच्चों को फूल सा खिलने दे।
जो इल्म के बीज दिलों में मिलने दे।
जो अनाथों का नाथ हो।
जो विपदा में लड़ने की कला दे।
जो जिंदगी का सबसे बेहतरीन सबक हो
जो अंधेरी जिंदगी में उजाले की धमक हो।
अध्यापक वो है जो
अत्याचार के विरुद्ध एक आगाज़ बने।
खतरनाक समय में नये हथियार बने।
जो जन्नत और जहन्नुम के चक्रव्यूह तोड़कर
आग में झुलसे बेगुनाहों को प्यार के दरिया में पाले।
इस तरह
अध्यापक बेमिसाल दुनिया बनाने का
सबसे खूबसूरत कारीगर है।
अनिल पुष्कर।।