ब्लॉग
-
माँ आज तुम्हारी बहुत याद आ रही है
माँ आज तुम्हारी बहुत याद आ रही है तुम्हारी बात ही कुछ और तुम्हारी जादुई छुअन तुम्हारी खुली हुई चेतना की परछाइयाँ ये लो तीन फल अब उनकी शाखों में फूल आए हैं अब उनकी शाखों में फल आए हैं एक नन्ही कली एक मासूम सा पुष्प अभी तुम्हारे आँगन में पिता ने जगह वैसी…
-
राजेश जोशी के अवतरण दिवस पर प्रार्थना
कुछ ईश्वर थे जिन्हें महल मिलेकुछ ईश्वर हुए जिनको शरण मिलेकुछ ईश्वर ऐसे भी थे जिन्हें शरणार्थी शिविर मिलेकुछ ईश्वरों ने अपने अपने दूतों को संदेश देकर धरती पे भेजाकुछ ईश्वरों ने पैगंबर की भूमिका में शानदार प्रदर्शन किएकुछ ईश्वरों के जुलूस निकलेकुछ ईश्वरों के रथ निकलेकुछ ईश्वर हवन पूजन यज्ञ में भागीदार बनेकुछ ईश्वरों…
-
कविता कैसे पैदा हुई? साहित्य आज तक | कोलकाता
कवि Anil Pushker ने बताया कविता कैसे पैदा हुई? साहित्य आज तक कोलकाता 2024 में अनिल पुष्कर की यह कविता सुनें सिर्फ़ साहित्य तक पर.
-
इतिहास में अफवाह : शंभूनाथ
शीर्षक पढ़ते ही पहला सवाल मन में आया कि क्या वाकई में हिंदुस्तान/भारत/इंडिया उत्तर आधुनिक हुआ? अगर मान भी लें हुआ तो क्या आधुनिकता का उत्तर खोज लिया गया। अगर हां तो क्या जो घट रहा है वही सच मायने में उत्तर आधुनिकता है? नहीं है यदि तो कैसे इतिहास अपने इस दौर में उत्तर…
-
वीर भारत तलवार
आदरणीय वीर भारत तलवार सर के हस्ताक्षर यानी ऑटोग्राफ सहित ये जरूरी किताब अब इन हाथों में है। अब जिम्मेदारी बढ़ गई है बिना पढ़े कुछ भी कहना खतरे से खाली नहीं ।।
-
मनुष्य की मुक्ति प्रेम से और प्रेम में है / अमरेन्द्र किशोर
“बहुश्रुत लेखक अनिल पुष्कर का सद्यः-प्रकाशित उपन्यास अर्गला एक नयी तरावट वाली लिखावट है। यह स्त्री की देह का चटपटा विमर्श नहीं है, न ही अलगाव और जुड़ाव का कोई सस्ता ताना-बाना है। जैसा आज हर दस उपन्यास में नौ में इसी किस्म की रुदाली और उसका महिमामंडन पढ़ने को मिलता है। आज हिन्दीभाषी सभ्यता…
-
जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद
समूचे देश भर से जिस तरह आज के दिन हमें प्यार करने वाले आशीष देने वाले और स्नेह रखने वाले आप सभी ने जन्मदिवस की मुबारकबाद दी, उसके लिए हम हृदय से आभारी हैं । मुझ पर कृपा बनाये रखिये। तभी तक जिंदा बचा रहूँगा जब तक प्यार बना हुआ है।
-
धन्यवाद दयाल निमोदिया
“हिंदी साहित्य के युवा तुर्क महान कवि पाश की परम्परा को आगे बढ़ाने वाले हरफ़नमौला साहित्यकार जो साहित्य की हर विधा में अपनी छाप छोड़ने वाले अनिल पुष्कर को आत्मिक अभिनन्दन, हार्दिक बधाई एवं अशेष शुभकामनाएं” – दयाल निमोदिया
-
अर्गला पर भारत दोषी से बातचीत
अनिल पुष्कर से उनके चर्चित उपन्यास “अर्गला“ पर भारत दोषी (गांधी लेखक और कथाकार) की बातचीत रविवार 1 अक्टूबर 2023, समय – शाम-5 से 6 बजे. Jansarokarmanchtonk को subscribe कर कार्यक्रम से जुड़ सकते हैं.