अनिल पुष्कर
‘नई धारा’ पत्रिका में “एक विदुषी पतिता की आत्मकथा” जिसकी मूल लेखिका हैं श्रीमती कुमारी मानदा देवी । यह मूल बांग्ला में लिखी गयी। हिंदी में सम्पादन व अनुवाद किया है डॉ. मुन्नी गुप्ता ने । इसी किताब पर लिखा गया लेख ।।
शुक्रिया सम्पादक शिव नारायण जी।।
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